शायद यही गलती की। बनाने वाले ने कि बिटिया को ऐसा बनाया। शायद यही गलती की। बनाने वाले ने कि बिटिया को ऐसा बनाया।
कभी दिल चहकता है बात बात पर कभी दिल चहकता है बात बात पर
मूक ह्रदय पीड़ा सहो किसी से अब कुछ न कहो कौन अपना कौन पराया दिखती है बस प्रतिच्छाया! मूक ह्रदय पीड़ा सहो किसी से अब कुछ न कहो कौन अपना कौन पराया दिखती है बस...
पर कम्पन मेरे हाथों की अल्फ़ाज़ एक भी लिख न पाएं सीने में है ग़ुबार भरा पर पन्नों पे वो किर न ... पर कम्पन मेरे हाथों की अल्फ़ाज़ एक भी लिख न पाएं सीने में है ग़ुबार भरा पर...
शांत मन गुस्सा से भर जाता है पल में, बंदूकें खुद व खुद कांधे पर चढ़ जाती हैं। शांत मन गुस्सा से भर जाता है पल में, बंदूकें खुद व खुद कांधे पर चढ़ जाती हैं।
मन मेरे क्यों विचलित होता है? तू ईश्वर का ध्यान कर। मन मेरे क्यों विचलित होता है? तू ईश्वर का ध्यान कर।